शहर

February 7, 2025

वो शहर सीसे का एक जाल था, जहाँ हर चेहरे पर एक QR Code चिपका होता था—स्कैन करो, बायोडेटा पढ़ो, और फिर... स्वाइप लेफ्ट। मैंने जिस गली से निकलते हुए यहाँ कदम रखा था, वहाँ लोग गले मिलते थे। यहाँ हाथ मिलाने से पहले NDA (non-disclosure agreement) साइन करवाया जाता है।

मेज़ पर कॉफ़ी का कप ठंडा हो गया। सामने बैठा आदमी—नाम? शायद 'अर्जुन' या 'आकाश'—उसकी आँखों में एक पॉप-अप एड चमक रहा था: "15 मिनट बाकी। बातचीत का विस्तार करने के लिए सब्सक्राइब करें।" उसने हाथ बढ़ाया। मेरी हथेली ने उसकी हथेली को छुआ, और एक सिस्टम नोटिफिकेशन कंपन हुआ: "कनेक्शन फेल। रीट्राय करें?"

गाँव में बापू कहते थे—"गले मिलो तो दिल की धड़कन गिन लो, नहीं तो समझो वक्त बर्बाद किया।" यहाँ तो धड़कनें ब्लूटूथ से जुड़ी होती हैं। एक बार मैंने ऑफिस की लिफ़्ट में एक बुजुर्ग से आँख मिला ली। उसने चौंककर AirDrop बंद कर दिया।

मैंने खिड़की से नीचे झाँका। सड़क पर लोग ह्यूमनॉइड्स की तरह चल रहे थे—सिर झुके, होंठों पर ऑटो-रिप्लाई चलते। तभी एक लड़की ने मुझे देखा। उसकी आँखों में एक लोडिंग सर्कल घूमा... और फिर 404 Error। मैंने हाथ हिलाया। उसने फ़िंगरप्रिंट स्कैन किया और चली गई।

रात के 2:17 बजे। फ़ोन की स्क्रीन पर एक मेमोरी नोटिफिकेशन: "3 साल पहले आज ही तुम्हारी माँ ने तुम्हें गले लगाया था। शेयर करें?" मैंने डिलीट बटन को हवा में छुआ। कांच की दीवार ने मेरी साँस को भाप बनाकर मिटा दिया।

स्टेशन पर खड़ा था। प्लेटफ़ॉर्म नंबर 3 पर एक ट्रेन रुकी—"यह गाड़ी अब 'वापसी' की ओर नहीं जाती।" मेरे पीछे से किसी ने मेरा नाम पुकारा। मुड़ा तो एक परछाई ने हाथ बढ़ाया। उसकी उंगलियाँ धुंधली पिक्सल्स में बिखर गईं। मैंने अपना हाथ आगे किया... या पीछे खींच लिया?

"क्या तुमने कभी किसी के हाथ को साँसों से गर्म होते देखा है... या सिर्फ़ उसके प्रोफ़ाइल पिक्चर को ज़ूम इन किया है?"

कहानी यहीं विराम लेती है, पर शायद आपकी स्क्रीन पर एक अधूरा नोटिफिकेशन अभी भी झिलमिला रहा है: "कनेक्शन की कोशिश जारी... 98%"।

शायद शहरें मुझ रास नहीं आईं, कुछ तो खुन्नस रहा है, मुझसे रंजिश है बड़े शहरों से

~apurv

© Image Credits: David Hockney (Digital Works)